माँ की ममता ओढ़ कर आज मैं चाँद से बात करने बैठी हूँ
बहुत दिनों के बाद आज हम दोनों को कुछ फुर्सत है
चाँद ने कहा आज माँ के बारे में कुछ सुनाओ
कैसी हैं तुम्हारी माँ? ज़रा मुझको भी बताओ
सवाल था कितना सीधा पर जवाब था उतना ही गहरा
मैं सोच में पड़ गयी और बोली ऐ चाँद आज तुझे क्या क्या मैं बतलाऊं
मेरी माँ है इतनी प्यारी जितनी प्यारी नहीं कोई गुड़िया
रात रात भर लोरी गाती, गोद में ले कर मुझे सुलाती
नींद ही आये चाहे थक ही जाये माँ
कभी नहीं ये मुझे जताती
माँ को मैंने एक पैर पर सारे घर में दौड़ते देखा है
मेरे एक आंसू पर मैंने हैरान परेशान देखा है
वो सब कुछ करती है जो मुझे अच्छा लगता है
उसे क्या अच्छा लगता है बताया नहीं उसने कभी
मेरी माँ हमेशा मुस्कुराती है
कहती है कि मुझे देख सब गम भूल जाती है
पर तुझसे कैसे छुपाऊँ चाँद
मैंने माँ को चुपके चुपके रोते भी देखा है
आज भी सब के मन की करती
अपनी चाहतों को भुला देती है
कितनी भी तकलीफ में हो
कैसे हंस के सब सह जाती?
कहने को तो एक शब्द होता है माँ
पर सच कहूं किसे पता है क्या होती है माँ
चाँद ने कहा माँ इतनी ही प्यारी होती है
माँ सबसे प्यारी होती है
Dedicated to the best Mom in the World...I love you mummy