कहते हैं जब ख़ुशी दिल में होती है
तो आँखों से बयान होती है
जज़्बात जब दिल से निकलते हैं
तो बस कलम पकड़ने की देर होती है
ऐसा ही कुछ आज महसूस कर रही हूँ
पाँव ज़मीन पर हैं फिर भी हवा में हूँ
आँखों में आज चमक कुछ ऐसी है
जैसे सूरज से चंद किरणे उधार ली हो
होंठ जैसे खुद ही मुस्कुरा रहे हैं
खामोश हो कर भी कितना शोर मचा रहे हैं
मेरा कुछ भी आज मेरे बस में नहीं
सब कुछ ही तो मेरा है पर कुछ भी मेरा नहीं
जो अपार ख़ुशी मेरे दिल ने आज महसूस की है
यही चाहती हूँ मैं वो हर तरफ फैले
बहुत गम हैं वैसे इस दुनिया में
बस किसी एक दिन को बहाना मान के जी ले
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