Monday, July 26, 2010

मेरे ख्वाब में जो एक शख्स आता जाता है
वो तुमसे मिलता जुलता है
जो हर रात मुझे जगा जाता है
तुमसे ही मिलता चेहरा है

डूबी रहती हूँ सोच में मैं
कि तुम सच हो या मेरे दिल कि कोई तस्वीर
हाथ बड़ा कर छूना चाहूं 
तो पल में हो जाते हो गुम

पहले तो कभी इस एहसास का एहसास न था
ज़िन्दगी में मुहब्बत का कोई नाम न था
कब तक ख्वाबों में ही मिलने आओगे
अब ज़िन्दगी में भी चले आओ

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